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Women in 40s : ये बदलाव की उम्र है, महिलाएं 40 की उम्र में इस तरह रहें फिट और हेल्दी

महिलाओं के लिए यहां तक पहुंचते उम्र, वजन और पोजिशन कुछ ऐसी हो जाती है, कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का समय भी कम होता चला जाता है। जिसके कारण आप अपनी उम्र के पुरुषाें से ज्यादा बीमारियों के जोखिम में होती हैं।
Published On: 13 May 2025, 02:07 pm IST
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Ms. Rajyasree Bandyopadhyay
इनपुट फ्राॅम
40 ki umra me exercise karna bahut zaruri hai
इस उम्र में आपका एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

अनुभव और थकान से भरी एक ऐसी उम्र जब आप बहुत कुछ जान चुकी होेती हैं। मगर करने को अब भी बहुत कुछ शेष होता है। घर और बाहर की दुनिया की कई चुनौतियों को आपने पार कर  लिया है, मगर सफलता के कई सितारे अभी आपके कांधों पर सजने हैं। इस उम्र तक आते ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को सबसे निचले पायदान पर खिसका चुकी होती हैं। जबकि यही वह उम्र है जब आपको अपनी सेहत का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

उम्र, वजन और पोजिशन कुछ ऐसी हो जाती है, कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का समय भी कम होता चला जाता है। जिसके कारण आप अपनी उम्र के पुरुषाें से ज्यादा बीमारियों के जोखिम में होती हैं। अगर इन जोखिमों से बचकर, सफलता के साथ आगे बढ़ना है, तो आपको खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने पर ध्यान देना होगा। जानना चाहती हैं कैसे? तो आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं।

राज्यश्री बंदोपाध्याय सीएमआरआई हॉस्पिटल में सीनियर साइकोलाॅजिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट हैं। वे कहती हैं कि देखेन में भले ही यह सामान्य लगे, मगर यह उम्र आपके मन के स्तर पर बहुत सारे बदलाव लेकर आती है। और यह सब हॉर्मोन में हो रहे बदलाव के कारण होता है। जो आपकी त्वचा, पीरियड्स, मूड और वजन सभी कुछ प्रभावित करते हैं। इसलिए इस समय आपको अपना और ज्यादा ध्यान रखना होता है।

महिलाओं में 40 की उम्र में होने वाली सबसे आम समस्याएं (Common problems of women after 40)

1 हॉर्मोनल असंतुलन 

ये उम्र उन हॉर्मोन में बदलाव की उम्र है, जो अभी तक आपके प्रजनन स्वास्थ्य और बाहरी खूबसूरती के लिए जिम्मेदार थे। अनियमित माहवारी और त्वचा पर उग आने वाले बाल बताते हैं कि आपके हॉर्मोन असंतुलित हो रहे हैं। इस समय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन में गिरावट आने लगती है।

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हाॅर्मोन्स में उतार-चढ़ाव महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। चित्र : शटरस्‍टॉक

2 हेयर फॉल और त्वचा में बदलाव 

उपरोक्त हॉर्मोन आपकी प्रजनन क्षमता के साथ-साथ आपके लुक को भी प्रभावित करते हैं। इनमें बाल पहले से हल्के और पतले होने लगते हैं, जबकि त्वचा में लोच और कसाव की कमी दिखाई देने लगती है। बालों का सफेद होना और त्वचा पर झुर्रियां नजर आने की शुरूआत भी उम्र के इसी दशक में होती है।

3 पाचन संबंधी समस्याएं 

40 की उम्र की महिलाओं का पाचन तत्र पहले से धीमा हो जाता है, जिससे उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं ज्यादा परेशान करने लगती हैं। अकसर आपने अनुभव किया होगा कि पहले आप जिन चीजों को बड़े चाव से खाती थीं, अब वही आपके पेट पर बोझ की तरह पड़ी रहती हैं। अगर परहेज न किया जाए, तो गैस, एसिडिटी और बदहजमी जैसी समस्याएं इस समय ज्यादा होने लगती हैं।

4 वजन बढ़ना 

मेटाबॉलिज्म धीमा होने और हॉर्मोन असंतुलन होने के कारण महिलाओं को इस उम्र में पेट के पास चर्बी बढ़ने लगती है। इस समय वजन बढ़ना जितना आसान होता है, उसे नियंत्रित करना उतना ही मुश्किल हो जाता है।

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5 हड्डियां कमजोर होने लगती हैं 

हालांकि 30 के बाद से ही महिलाओं की बोन डेंसिटी कम होने लगती है, इसलिए उन्हें केल्शियम पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। मगर 40 की उम्र पार करते एस्ट्रोजन की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए केल्शियम के साथ-साथ आपको विटामिन डी का लेवल भी चेक करते रहना चाहिए।

6 मूड स्विंग्स  

हॉर्मोन सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता को ही नहीं, बल्कि आपके मूड को भी प्रभावित करते हैं। हॉर्मोनल असंतुलन के कारण इस समय आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है। ज्यादातर महिलाओं के परिवार में यह शिकायत आती है कि वे बहुत चिड़चिड़ी और गुस्सैल हो गई हैं। यह पेरिमेनोपॉज का भी एक संकेत हो सकता है। जब आपको हॉट फ्लैश और मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है।

इस उम्र में कैसे रहा जाए फिट और हेल्दी (How to stay fit and healthy in 40s)

राज्यश्री कहती हैं, “40 की उम्र में सक्रिय रहने के लिए तनाव को संतुलित करना, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने का दृष्टिकोण रखना आवश्यक है। तनाव ऊर्जा को समाप्त करने वाले प्रमुख कारणों में से एक है, इसलिए इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित रहना बेहद जरूरी है।”

1 तनाव देने वाले कारकों की पहचान करें 

सबसे पहले, अपने जीवन में मौजूद तनाव के कारणों की पहचान करें, यानी यह जानें कि तनाव व्यवसायिक, व्यक्तिगत, वित्तीय या सामाजिक जीवन से आ रहा है।

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महिलाओं को अपनी सेहत को प्राथमिकता पर रखना होगा। चित्र- अडोबी स्टॉक

यथा, तनाव प्रबंधन पर सक्रिय रूप से काम करें और जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल मार्गदर्शन लें। जितनी जल्दी कोई व्यक्ति अपने तनाव को पहचानकर किसी विशेषज्ञ से सलाह लेता है, उतने ही अधिक अवसर होते हैं कि वह अपने 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान रह सके। इसके साथ ही, उचित नींद लेना भी जरूरी है। अच्छी गुणवत्ता वाली नींद हमारे शरीर और दिमाग को ऊर्जावान बनाने के लिए आवश्यक होती है।

2 खूब सारा पानी पिएं

जलयोजन (हाइड्रेशन) भी एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना बहुत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना या रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना मूड और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

3 चाय-कॉफी कम कर दें 

हो सकता है कि सुबह की पहली कॉफी या चाय आपकाे दिन के लिए तैयार करती हो, मगर यह आपको डिहाइड्रेट भी करती है। इसलिए इन्हें कम करने और धीरे-धीरे छोड़ने की ओर ध्यान दें। साथ ही, निकोटीन, शराब या किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों से दूर रहना अत्यंत आवश्यक है।

4 हर रोज़ एक्सरसाइज करें

यह आपके लिए सबसे जरूरी एक्टिविटी है। डांस, जुंबा, एरोबिक्स, साइकलिंग, कार्डियो जो भी आपको पसंद है, उसकी मदद से खुद को एक्टिव रखें। हर दिन कम से कम 45 मिनट और सप्ताह में पांच दिन आपका फिजिकल एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। इससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है, वजन नियंत्रित रहता है और आपका मूड भी अच्छा रहता है। इस तरह आप कम बीमार पड़ती हैं।

अंत में राज्य श्री कहती हैं, “साल में कम से कम एक बार संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करवाना चाहिए। ये सुझाव किसी भी व्यक्ति को उनके 40 के दशक में सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।”

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं।योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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