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Covid Cases on Rise : बढ़ने लगे हैं कोरोनावायरस के मामले, अगले 3 हफ्ते हैं और भी ज्यादा संवेदनशील

स्वास्थ्य विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस लहर को हल्के में लेना स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अभी से हाइजीन, सोशल डिस्टेंसिंग अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं से बचें। वहीं बूस्टर डोज लेना रोग प्रतिरोधक क्षमता को सपोर्ट करने में मददगार हो सकता है।
Published On: 21 May 2025, 01:21 pm IST
भारत सहित एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। चित्र : अडोबीस्टॉक

अंदर क्या है

  • कोविड-19  का नया वेरिएंट और ताज़ा आंकड़े
  • भारत में कोरोनावायरस के सक्रिय मामले
  • क्यों हैं इस वेरिएंट से सावधान रहने की जरूरत
  • बूस्टर डोज की अहमियत 
  • अगले तीन सप्ताह हैं जोखिम भरे

सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और थाइलैंड सहित दुनिया भर में कोरोनावायरस ने एक बार फिर से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यहां कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। न केवल संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। यानी लक्षण गंभीर हो रहे हैं। भारत में केरल, महाराष्ट्र सहित 257 से अधिक मामले सक्रिय हैं। जबकि मुंबई में दो लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों ने अभी से सावधानी बरतने की सलाह दी है और अनुमान लगाया है कि अगले तीन सप्ताह और भी अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

कोविड का नया वेरिएंट और ताज़ा आंकड़े (Latest covid cases)

सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग में संक्रमितों की जांच के आंकड़ों में सामने आया है कि इस बार संक्रमण का कारण ओमिक्रोन का सब वेरिएंट जेएन.1 संक्रमण फैला रहा है। इससे कई एशियाई देशों में लोग हल्के से गंभीर लक्षणों के शिकार हो रहे हैं।

अप्रैल के आखिरी और मई के पहले सप्ताह में ही कोविड संक्रमितों की संख्या 14 हजार के पार पहुंच गई है। इनमें सर्वाधिक खराब हालात सिंगापुर और हांगकांग के हैं, जहां हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। जापान में भी सार्स कोविड के मामलों  में  बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

कोविड-19 के ओमिक्रोन का सब वेरिएंट जेएन.1 संक्रमण का कारण बन रहा है। चित्र : अडोबीस्टॉक

भारत में कोविड के सक्रिय मामले (Active coronavirus cases in India)

कोविड  के प्रसार का तरीका वही पहले वाला है, जिसने साल 2019 के अंत से मार्च-अप्रैल 2020 तक दुनिया भर में कहर बरपाया था। भारत के बड़े शहरों, जो अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं से सीधे जुड़े हैं, वहां सबसे ज्यादा कोविड के सक्रिय मामले देखे जा रहे हैं। इनमें केरल और मुंबई में सबसे ज्यादा लोग कोविड के सब वेरिएंट जेएन.1 से संक्रमित हुए हैं।

क्या इस वेरिएंट से घबराने की जरूरत है? 

कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों और मुंबई में हुई 2 मौतों के बाद लोगों में डर का माहौल है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी तत्काल सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। इस बारे में और अधिक जानने के लिए हमने डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता से बात की। डॉ मनीषा सर्वोदय अस्पताल फरीदाबाद में एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख – पल्मोनोलॉजी हैं।

डॉ मनीषा कहती हैं, “एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। बदलते हुए वायरस वेरिएंट और कम होती रोग प्रतिरोधक क्षमता इस मौजूदा लहर को बढ़ावा दे रही है। इस समय जब लोगों की आवाजाही और सेहत के प्रति लापरवाही भी बढ़ी है।

ओमिक्रॉन स्ट्रेन का नया सबवेरिएंट्स, JN.1 मौजूदा हेल्थ जोखिमों के लिए जिम्मेदार है। यह सबवेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है और पहले की तुलना में बेहतर तरीके से रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में कामयाब है।”

डॉ मनीषा आगे कहती हैं, “हालांकि, यह अधिक घातक नहीं है। इसके तेज़ी से फैलने के कारण कुल मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है। जो लोग पहले से वैक्सीनेटेड हैं, उनमें लक्षण हल्के ही पाए जा रहे हैं।”

बूस्टर डोज लेना हो सकता है बचाव का उपाय

डॉ मनीषा कहती हैं, ” रोग प्रतिरोधक क्षमता समय के साथ कम हो जाती है। इसलिए कई देशों ने बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है। एशिया के अधिकांश लोगों ने एक साल से भी पहले अपनी वैक्सीन की खुराक ली थी। समय पर बूस्टर न मिलने के कारण प्रतिरक्षा क्षमता घट जाती है, जिससे बुज़ुर्गों और वे लोग जो अन्य किसी बीमारी से पहले ही ग्रस्त हैं, उनमें संक्रमण का जोखिम और अधिक बढ़ जाता है।

बूस्टर डोज़ लेना रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

महामारी के समय के नियमों में ढील ने समस्या को और गंभीर बना दिया है। लोग अब सामान्य जीवन में लौट आए हैं, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता जैसे उपायों को काफी हद तक छोड़ दिया गया है। सार्वजनिक समारोहों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के फिर से शुरू हो जाने से वायरस को फैलने का भरपूर मौका मिल गया है।

अगले तीन सप्ताह हैं संवेदनशील

मौजूदा लहर को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है और लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके। अगले तीन सप्ताह इन मामलों में तेजी देखी जा सकती है। भविष्य में किसी भी नए म्यूटेशन का समय रहते पता लगाने के लिए निगरानी जारी रखना लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, सतर्कता और जिम्मेदार व्यवहार वायरस को नियंत्रित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

मौसमी कारक भी इसमें भूमिका निभा रहे हैं। ज्यादातर लोग घरों के अंदर रहने लगे हैं, जहां वेंटिलेशन की कमी होती है और संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, अब टेस्टिंग भी कम हो गई है, जिससे केसों की सही संख्या रिपोर्ट नहीं हो पा रही है। असली आंकड़े रिपोर्ट किए गए मामलों से कहीं अधिक हो सकते हैं।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं। योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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